Natural Calamity Relief to Fishermen of State: गोवा सरकार की ओर से मछुआरों के कल्याण के लिए शुरू की गई “प्राकृतिक आपदा राहत योजना मछुआरों के लिए” एक महत्वपूर्ण पहल है, जो प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, चक्रवात, सुनामी और आकस्मिक आगजनी के कारण मछुआरों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना उन सक्रिय मछुआरों के लिए है, जो मछुआरा कॉर्पस राहत कोष में योगदान देते हैं और जिनके मत्स्यनौका, इंजन, मोटर या जाल प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त या नष्ट हो जाते हैं। आइए, इस योजना के लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझते हैं।
Natural Calamity Relief to Fishermen of State: योजना के लाभ
यह योजना मछुआरों को विभिन्न प्रकार के नुकसानों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। लाभ इस प्रकार हैं:
- मृत्यु/पूर्ण अक्षमता:
- समुद्र या नदी में मछली पकड़ते समय मृत्यु या पूर्ण अक्षमता होने पर ₹5,00,000 की सहायता, बशर्ते आवश्यक दस्तावेज जमा किए जाएं।
- मत्स्यनौका को नुकसान:
- आंशिक क्षति: अधिकृत समुद्री सर्वेक्षक द्वारा मूल्यांकन के आधार पर अधिकतम ₹1,00,000।
- आउटबोर्ड मोटर (OBM) सहित पूरी तरह से नष्ट होने पर: अधिकतम ₹2,00,000।
- मछली पकड़ने वाले पोत को नुकसान:
- 1 से 4 सिलेंडर वाले पोत: अधिकतम ₹7,00,000।
- 6 से 8 सिलेंडर वाले पोत: अधिकतम ₹10,00,000।
- मछली पकड़ने के जाल को नुकसान:
- गलफड़ जाल (Gill Nets): अधिकतम ₹50,000।
- रामपोन जाल (Rampon Nets): अधिकतम ₹1,00,000।
- ट्रॉल जाल (Trawl Net): अधिकतम ₹50,000।
- पर्स सीन जाल (Purseine Net): अधिकतम ₹5,00,000।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी चाहिए:
- आवेदक मछुआरा होना चाहिए।
- आवेदक ने मछुआरा कॉर्पस राहत कोष में नियमित योगदान दिया हो।
- गैर-मोटर चालित/मोटर चालित नौका और मशीनीकृत मछली पकड़ने वाला पोत/ट्रॉलर मत्स्य विभाग के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
- नौका, इंजन, मोटर या जाल को बाढ़, चक्रवाती तूफान, सुनामी या आकस्मिक आगजनी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान हुआ हो।
- आवेदक विभाग का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
- नुकसान की पुष्टि सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।
- मशीनीकृत ट्रॉल जाल वाले पोत का संचालन प्रतिबंध अवधि के दौरान नहीं किया गया हो, अन्यथा आवेदक अयोग्य होगा।
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आवेदन प्रक्रिया
आवेदन केवल ऑफलाइन मोड में स्वीकार किए जाते हैं। प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आवेदन पत्र प्राप्त करें: निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र की प्रति लें।
- आवेदन पत्र भरें: सभी अनिवार्य क्षेत्र भरें, पासपोर्ट आकार का फोटो (यदि आवश्यक हो तो हस्ताक्षर सहित) चिपकाएं और सभी अनिवार्य दस्तावेजों की स्व-सत्यापित प्रतियां संलग्न करें।
- आवेदन जमा करें: भरा हुआ और हस्ताक्षरित आवेदन पत्र दस्तावेजों के साथ मत्स्य विभाग, दयानंद बांदोडकर मार्ग, पट्टो कॉलोनी, पणजी, गोवा – 403521, या ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिस (BDO) या मत्स्य विभाग के उप-कार्यालयों में तैनात अधिकारी को जमा करें।
- समय सीमा: दावा घटना के एक सप्ताह के भीतर जमा करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
- आवेदक का फोटो।
- पोत पंजीकरण प्रमाणपत्र की प्रति।
- अद्यतन मछली पकड़ने का लाइसेंस प्रमाणपत्र।
- अद्यतन मछली पकड़ने के जाल का लाइसेंस।
- बायोमेट्रिक कार्ड/अस्थायी आईडी कार्ड की प्रति।
- पंजीकृत मछली पकड़ने वाले पोत/OBM/जाल का मूल निरीक्षण रिपोर्ट।
- बैंक पासबुक और मैंडेट फॉर्म की प्रति।
- मछुआरा कॉर्पस कोष में योगदान का विवरण।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट/गायब होने की रिपोर्ट/मृत्यु प्रमाणपत्र (मृत्यु के मामले में)।
- पंचनामा रिपोर्ट।
- FIR रिपोर्ट।
- चिकित्सा प्रमाणपत्र की प्रति।
- अधिकृत समुद्री सर्वेक्षक द्वारा नुकसान मूल्यांकन रिपोर्ट।
- घटना के दिन मौसम विभाग की रिपोर्ट।
नोट: मृत्यु या गायब होने की स्थिति में, पुलिस रिपोर्ट या मृत्यु प्रमाणपत्र में यह उल्लेख होना चाहिए कि घटना के एक वर्ष बाद भी शव नहीं मिला।
शिकायत निवारण
यदि योजना की सेवाओं से असंतुष्टि हो, तो शिकायत विभाग के शिकायत निवारण अधिकारी के पास दर्ज की जा सकती है। शिकायत को ईमेल dir-fish.goa@nic.in पर भी भेजा जा सकता है। सभी शिकायतों का जवाब 30 दिनों के भीतर दिया जाएगा।
संपर्क जानकारी
- पता: मत्स्य निदेशालय, दयानंद बांदोडकर मार्ग, पणजी, गोवा।
- फोन: (कार्यालय) 0832-2224838, (निदेशक) 0832-2227780।
- फैक्स: 0832-2231049।
- ईमेल: dir-fish.goa@nic.in।
- वेबसाइट: www.fisheries.goa.gov.in।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
- क्या एक सप्ताह के बाद दावा जमा किया जा सकता है?
- विशेष परिस्थितियों में, विभाग द्वारा विचार किया जा सकता है, लेकिन सामान्य रूप से एक सप्ताह की समय सीमा का पालन करना अनिवार्य है।
- आवेदन शुल्क क्या है?
- आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है।
- क्या आकस्मिक आगजनी के कारण नुकसान कवर होता है?
- हां, आगजनी के कारण नुकसान कवर होता है, और अधिकतम सीमा नुकसान के प्रकार पर निर्भर करती है।
- कौन सी आपदाएं कवर होती हैं?
- बाढ़, चक्रवात, सुनामी और आकस्मिक आगजनी जैसी प्राकृतिक आपदाएं शामिल हैं।
- किन गतिविधियों से अयोग्यता हो सकती है?
- प्रतिबंध अवधि के दौरान मशीनीकृत ट्रॉल जाल का उपयोग करने वाले आवेदक अयोग्य होंगे।
निष्कर्ष
गोवा सरकार की यह योजना मछुआरों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है, जो प्राकृतिक आपदाओं के समय उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है। समय पर आवेदन और सही दस्तावेज जमा करके मछुआरे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए मत्स्य विभाग की वेबसाइट या निदेशालय से संपर्क करें।
स्रोत: गोवा मत्स्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और संबंधित सरकारी अधिसूचनाएं।
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