ELI scheme: केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए Employment-Linked Incentive (ELI Scheme) को मंजूरी दी है, जिसके तहत अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के लिए 99,446 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि यह योजना विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र (manufacturing sector) पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना है।
ELI scheme का उद्देश्य और लाभ
ELI Scheme की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी, जिसमें 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया था। यह योजना 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 तक सृजित होने वाली नौकरियों पर लागू होगी। योजना दो हिस्सों में लागू की जाएगी:
भाग A: पहली बार नौकरी करने वालों के लिए प्रोत्साहन
- यह हिस्सा Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करता है।
- ऐसे कर्मचारियों को एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो अधिकतम 15,000 रुपये तक होगी।
- यह राशि दो किश्तों में दी जाएगी:
- पहली किश्त: 6 महीने की सेवा पूरी होने पर।
- दूसरी किश्त: 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (financial literacy programme) पूरा करने के बाद।
- बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत खाते या जमा खाते में रखा जाएगा, जिसे कर्मचारी बाद में निकाल सकेंगे।
- इस हिस्से से लगभग 1.92 करोड़ नए कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
भाग B: नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
- यह हिस्सा नियोक्ताओं को अतिरिक्त नौकरियां सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- नियोक्ताओं को प्रति अतिरिक्त कर्मचारी प्रति माह 3,000 रुपये तक का लाभ मिलेगा, जो दो वर्षों तक लागू रहेगा।
- विनिर्माण क्षेत्र में यह प्रोत्साहन अतिरिक्त दो वर्षों तक बढ़ाया जाएगा।
- यह लाभ उन नियोक्ताओं को मिलेगा जो 1 लाख रुपये तक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं।
- शर्तें:
- 50 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों को कम से कम 2 अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- 50 या अधिक कर्मचारियों वाली इकाइयों को कम से कम 5 अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- इस हिस्से से लगभग 2.6 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
प्रोत्साहन की संरचना
नियोक्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि कर्मचारियों के EPF वेतन स्लैब के आधार पर तय की जाएगी। नीचे दी गई तालिका में इसका विवरण दिया गया है:
EPF वेतन स्लैब (प्रति माह) | नियोक्ता को प्रोत्साहन (प्रति कर्मचारी/माह) |
---|---|
10,000 रुपये तक | 1,000 रुपये तक |
10,000 से अधिक और 20,000 तक | 2,000 रुपये |
20,000 से अधिक (1 लाख तक) | 3,000 रुपये |
नोट: 10,000 रुपये तक के EPF वेतन वाले कर्मचारियों को आनुपातिक प्रोत्साहन मिलेगा।
भुगतान प्रक्रिया
- पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि Aadhaar-आधारित DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से दी जाएगी।
- नियोक्ताओं को प्रोत्साहन राशि उनके PAN-लिंक्ड खातों में हस्तांतरित की जाएगी।
योजना की खास बातें
- वित्तीय साक्षरता: कर्मचारियों को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करना होगा, जिससे उन्हें वित्तीय प्रबंधन की समझ विकसित होगी।
- बचत को बढ़ावा: प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा बचत खाते में जमा होगा, जो कर्मचारियों को भविष्य के लिए बचत करने की आदत डालने में मदद करेगा।
- विनिर्माण क्षेत्र पर जोर: यह योजना खास तौर पर विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
सरकार का दृष्टिकोण
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “पिछले बजट में वित्त मंत्री ने रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए एक स्पष्ट पैकेज की घोषणा की थी। तब से इस पर व्यापक काम किया गया है, और अब हम एक व्यापक योजना के साथ तैयार हैं। यह योजना न केवल रोजगार सृजन करेगी, बल्कि युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाएगी।”
यह योजना भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी और देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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