Census 2011 Facts: भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश के लिए जनगणना केवल एक गणना प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय विकास की नींव है। भारत की 15वीं राष्ट्रीय जनगणना, जो वर्ष 2011 में आयोजित की गई थी, देश की संरचना को विस्तार से सामने लाती है। यह जनगणना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त श्री सी. चंद्रमौली के नेतृत्व में संपन्न हुई थी। इसमें भारत की जनसंख्या, लिंगानुपात, साक्षरता, आवास, शहरीकरण और जनसंख्या घनत्व जैसे कई आयामों को सम्मिलित किया गया था। यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों, योजनाओं और संसाधन आवंटन के लिए आधार बनी।
नीचे हम आपके सामने 2011 की जनगणना से जुड़े 20 प्रमुख तथ्यों को सरल भाषा में और विश्वसनीय सरकारी स्रोतों के आधार पर प्रस्तुत कर रहे हैं:
2011 की जनगणना से जुड़े 20 महत्वपूर्ण तथ्य (Census 2011 Facts)
क्रम | तथ्य | विवरण |
---|---|---|
1 | राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या | 35 |
2 | जिलों की कुल संख्या | 640 (2001 से 47 अधिक) |
3 | शहरों की संख्या | 7,933 (2001 से 2,772 अधिक) |
4 | गांवों की संख्या | 6,40,930 (2001 से 2,342 अधिक) |
5 | कुल जनसंख्या | 1,21,05,69,573 (ग्रामीण: 68.8%, शहरी: 31.2%) |
6 | शिशु लिंगानुपात (0-6 वर्ष) | 919 (ग्रामीण: 923, शहरी: 905) |
7 | कुल लिंगानुपात | 940 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष |
8 | जनसंख्या घनत्व | 382 व्यक्ति/वर्ग किमी |
9 | दशकीय जनसंख्या वृद्धि (2001-2011) | 17.64% |
10 | साक्षरता दर | 74.04% |
11 | भारत की वैश्विक जनसंख्या में हिस्सेदारी | 17.5% |
12 | भारत की आबादी किन-किन देशों से ज्यादा | अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राज़ील, पाकिस्तान, बांग्लादेश की संयुक्त जनसंख्या से अधिक |
13 | सबसे कम आबादी वाला केंद्र शासित प्रदेश | लक्षद्वीप – 64,429 |
14 | साक्षरता में शीर्ष 5 राज्य | केरल (94.00%), लक्षद्वीप (91.85%), मिजोरम (91.33%), गोवा (88.70%), त्रिपुरा (87.22%) |
15 | लिंगानुपात में शीर्ष 5 राज्य | केरल (1084), पुडुचेरी (1037), तमिलनाडु (996), आंध्र प्रदेश (993), छत्तीसगढ़ (991) |
16 | सबसे कम लिंगानुपात वाले 5 केंद्र शासित प्रदेश | दमन और दीव (618), दादरा और नगर हवेली (774), चंडीगढ़ (818), दिल्ली (868), अंडमान व निकोबार (876) |
17 | जनसंख्या घनत्व में शीर्ष 5 केंद्र शासित प्रदेश | दिल्ली (11,320), चंडीगढ़ (9,258), पुडुचेरी (2,547), दमन और दीव (2,191), लक्षद्वीप (2,149) |
18 | सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले 4 राज्य | बिहार (1,106), पश्चिम बंगाल (1,028), केरल (860), उत्तर प्रदेश (829) |
19 | सर्वाधिक आबादी वाले 4 राज्य | उत्तर प्रदेश (19.93 करोड़), महाराष्ट्र (11.23 करोड़), बिहार (10.38 करोड़), पश्चिम बंगाल (9.13 करोड़) |
20 | सबसे कम आबादी वाले 5 केंद्र शासित प्रदेश | चंडीगढ़ (10.54 लाख), अंडमान व निकोबार (3.79 लाख), दादरा व नगर हवेली (3.42 लाख), दमन व दीव (2.42 लाख), लक्षद्वीप (64,429) |
विशेष टिप्पणी
भारत की 2011 की जनगणना ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश तीव्र गति से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। एक ओर जहाँ शिक्षा और लिंगानुपात में सुधार देखा गया, वहीं कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में गिरता लिंगानुपात चिंता का विषय बना।
साथ ही, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे घनी आबादी वाले राज्यों में संसाधनों पर दबाव को समझने में यह आंकड़े बेहद सहायक साबित हुए हैं।
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महत्वपूर्ण उपयोगिता
यह जनगणना न केवल सरकार की योजनाओं के निर्माण में उपयोगी है, बल्कि सामाजिक अनुसंधान, उद्योग नियोजन और नीति निर्माण में भी यह जानकारी अनमोल है। यही कारण है कि नीति आयोग, विश्व बैंक, यूनिसेफ जैसे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठन इन आंकड़ों को संदर्भित करते हैं।
निष्कर्ष
भारत की जनगणना 2011 (Census 2011 Facts) ने यह दर्शाया कि देश न केवल जनसंख्या में, बल्कि शैक्षणिक और सामाजिक सूचकांकों में भी आगे बढ़ रहा है। हालांकि चुनौतियाँ जैसे लिंगानुपात असंतुलन, जनसंख्या घनत्व का बढ़ता दबाव, और क्षेत्रीय विषमता अब भी प्रमुख मुद्दे हैं, जिनपर आने वाले दशकों में ध्यान देना आवश्यक होगा।
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