Janganana Kise Kahate Hain in Hindi: किसी भी देश के विकास और योजना निर्माण में जनगणना एक आधारभूत और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। जनगणना, जिसे अंग्रेजी में ‘Census’ कहा जाता है, एक ऐसी व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसमें किसी देश या क्षेत्र की जनसंख्या, उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र की जाती है।
यह जानकारी सरकार द्वारा निर्धारित समय अंतराल पर और आधिकारिक आदेश के तहत संकलित की जाती है। भारत में यह प्रक्रिया हर दस साल में आयोजित की जाती है, जो देश की नीतियों और योजनाओं को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Janganana Kise Kahate Hain in Hindi: जनगणना का अर्थ और महत्व
जनगणना का शाब्दिक अर्थ है लोगों की गिनती, लेकिन यह केवल संख्याओं तक सीमित नहीं है। इसके तहत लोगों की उम्र, लिंग, शिक्षा, रोजगार, आवास, और अन्य सामाजिक-आर्थिक पहलुओं की जानकारी एकत्र की जाती है। यह डेटा सरकार को यह समझने में मदद करता है कि देश की जनसंख्या किस दिशा में बढ़ रही है और संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, जनगणना के आंकड़े यह तय करने में सहायक होते हैं कि किसी क्षेत्र में कितने स्कूल, अस्पताल या अन्य बुनियादी सुविधाएं स्थापित की जानी चाहिए।
भारत में जनगणना का आयोजन केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (Registrar General and Census Commissioner) के कार्यालय द्वारा किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होती है और एकत्रित जानकारी का उपयोग केवल सांख्यिकीय और नीति निर्माण के उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
भारत में जनगणना का इतिहास
भारत में जनगणना की शुरुआत ब्रिटिश शासनकाल में 1872 में हुई थी, लेकिन यह अनियमित थी। 1881 से यह प्रक्रिया हर दस साल में नियमित रूप से आयोजित होने लगी। आजादी के बाद, 1951 में पहली जनगणना स्वतंत्र भारत की तस्वीर प्रस्तुत करने वाली थी। तब से लेकर अब तक, भारत में हर दस साल में जनगणना का आयोजन किया जाता रहा है।
नवीनतम जनगणना 2011 में हुई थी, और 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित हो गई थी। अब इसके 2025 में होने की संभावना है, हालांकि आधिकारिक तारीख की घोषणा अभी बाकी है।
जनगणना की प्रक्रिया
जनगणना एक जटिल और व्यापक प्रक्रिया है, जिसमें लाखों प्रशिक्षित कर्मचारी, जिन्हें गणनाकार (Enumerators) कहा जाता है, घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करते हैं। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है:
- आवास सर्वेक्षण (Houselisting Phase): इसमें मकानों और उनके उपयोग की जानकारी एकत्र की जाती है।
- जनसंख्या गणना (Population Enumeration Phase): इसमें लोगों से संबंधित विस्तृत जानकारी, जैसे उनकी उम्र, शिक्षा, और रोजगार की स्थिति, दर्ज की जाती है।
आधुनिक तकनीक के उपयोग ने इस प्रक्रिया को और सटीक बनाया है। 2021 की प्रस्तावित जनगणना में डिजिटल उपकरणों और मोबाइल ऐप का उपयोग करने की योजना थी, जिससे डेटा संग्रह और विश्लेषण में तेजी आए।
जनगणना का उपयोग
जनगणना के आंकड़े सरकार, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों के लिए एक खजाना हैं। यह न केवल जनसंख्या की वृद्धि को समझने में मदद करता है, बल्कि सामाजिक असमानताओं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को भी उजागर करता है। इसके आधार पर संसद और विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन, सरकारी योजनाओं का निर्माण, और संसाधनों का आवंटन किया जाता है।
Caste Census in India: भारत में जाति जनगणना की आवश्यकता और चुनौतियाँ
हालांकि जनगणना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ भी हैं। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जागरूकता की कमी, भाषाई विविधता, और लोगों का डर कि उनकी निजी जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है, कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं। इसके अलावा, कोविड-19 जैसी आपातकालीन परिस्थितियों ने समय पर जनगणना आयोजित करने में बाधा डाली है।
जनगणना केवल संख्याओं का संग्रह नहीं है, बल्कि देश की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर को समझने का एक जरिया है। यह सरकार को यह तय करने में मदद करता है कि देश के हर नागरिक तक विकास का लाभ कैसे पहुंचे।। 2025 में होने वाली जनगणना भारत के लिए एक नया अवसर होगी, जो देश के भविष्य की योजनाओं को और मजबूत करेगी। सभी नागरिकों से अपील है कि वे इस प्रक्रिया में सहयोग करें, क्योंकि यह हम सभी के बेहतर भविष्य के लिए है।
संदर्भ:
- भारत सरकार, रजिस्टर जनरल और जनगणना आयुक्त कार्यालय (censusindia.gov.in)
- द हिंदू, “India’s Census: A Delay and Its Implications” (2023)
- पीबीएस न्यूज आवर, “Understanding Global Census Practices” (2024)