Census of India 2011 in Hindi: भारत की 2011 की जनगणना, देश के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक ढांचे को समझने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह भारत की 15वीं राष्ट्रीय जनगणना थी, जिसे 1 मई 2010 से शुरू किया गया और इसका संचालन तत्कालीन महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौली ने किया। यह पहली बार था जब बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र की गई, जिसने इस जनगणना को और भी खास बनाया। आइए, इस जनगणना के प्रमुख पहलुओं पर नजर डालते हैं।
Census of India 2011 in Hindi: जनसंख्या और वृद्धि
2011 की जनगणना के अनुसार (2011 ki janganana ke anusar), भारत की कुल जनसंख्या 1,21,08,54,977 थी, जिसमें पुरुषों की संख्या 62,32,70,258 और महिलाओं की संख्या 58,75,84,719 थी। 2001 से 2011 के दशक में जनसंख्या में 18,14,55,986 की वृद्धि दर्ज की गई, जो भारत को विश्व में जनसंख्या के मामले में दूसरा सबसे बड़ा देश बनाए रखने के लिए पर्याप्त थी। इस दौरान जनसंख्या वृद्धि दर 17.7% रही। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला राज्य था, जहां 19,98,12,341 लोग निवास करते थे, जबकि सिक्किम सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य था, जहां केवल 6,10,577 लोग थे।
साक्षरता दर में सुधार
इस जनगणना में साक्षरता दर में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई। 2001 में जहां साक्षरता दर 64.83% थी, वहीं 2011 में यह बढ़कर 74.04% हो गई। पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% और महिलाओं की 65.46% थी। यह आंकड़ा शिक्षा के क्षेत्र में देश की प्रगति को दर्शाता है, हालांकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच अभी भी असमानता बनी हुई थी।
लिंगानुपात और ट्रांसजेंडर जनसंख्या
2011 की जनगणना में लिंगानुपात 943 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष था, जो 2001 के 933 से थोड़ा बेहतर था। इसके अलावा, पहली बार ट्रांसजेंडर (तीसरे लिंग) की आधिकारिक गणना की गई, जिसमें उनकी संख्या 4.9 लाख दर्ज की गई। यह कदम लैंगिक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी।
धार्मिक और भाषाई विविधता
भारत की सांस्कृतिक विविधता इस जनगणना में स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आई। धार्मिक आंकड़ों के अनुसार, हिंदू 79.8% (96.8 करोड़), मुस्लिम 14.23% (17.2 करोड़), ईसाई 2.3%, सिख 1.72%, बौद्ध 0.7%, और जैन 0.37% थे। लगभग 0.27% लोगों ने कोई धर्म नहीं बताया, जिसमें नास्तिक और अज्ञेयवादी शामिल थे।
भाषाई दृष्टिकोण से, हिंदी सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा थी, जिसे 43.63% लोगों ने अपनी मातृभाषा बताया। इसके बाद बंगाली (8.3%), मराठी (7.09%), तेलुगु (6.93%), और तमिल (5.89%) का स्थान था। कुल 57.1% भारतीय हिंदी जानते थे, जबकि अंग्रेजी को 10.6% लोग बोलते थे। भिली/भिलोदी और गोंडी जैसी अनुसूचित जनजातीय भाषाएं भी महत्वपूर्ण थीं।
जाति आधारित जनगणना (Caste based census)
1931 के बाद पहली बार, 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति आधारित जनगणना (SECC) आयोजित की गई, जो जून से सितंबर 2011 के बीच पूरी हुई। यह कई राजनीतिक दलों, जैसे राजद, जद(यू), सपा, और बसपा, साथ ही भाजपा और अन्य दलों की मांग पर किया गया। इस गणना का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का आकलन करना था, जिसके परिणाम नीति निर्माण में सहायक सिद्ध हुए।
प्रक्रिया और चुनौतियां
जनगणना को दो चरणों—मकानसूचीकरण और परिवार गणना—में पूरा किया गया। इसके लिए 27 लाख अधिकारियों ने 7,000 शहरों और 6 लाख गांवों में डेटा एकत्र किया। कुल 22 अरब रुपये की लागत से इस कार्य को अंजाम दिया गया। भारत की विशाल भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के कारण कई चुनौतियां थीं, जैसे दुर्गम क्षेत्रों में पहुंच और सटीक जानकारी एकत्र करना।
मकानसूचीकरण में 35 प्रश्न शामिल थे, जैसे भवन की स्थिति, पेयजल स्रोत, और बिजली की उपलब्धता। वहीं, परिवार अनुसूची में 29 प्रश्न थे, जिसमें व्यक्ति का नाम, धर्म, शिक्षा, और व्यवसाय जैसी जानकारियां शामिल थीं।
Bharat Ki Janganana Ka Itihas: भारत की जनगणना का इतिहास, एक सरल अध्ययन
ग्रामीण-शहरी जनसंख्या
जनगणना के अनुसार, 68.84% (83.3 करोड़) लोग ग्रामीण क्षेत्रों में और 31.16% (37.7 करोड़) शहरी क्षेत्रों में रहते थे। प्रवास के आंकड़े बताते हैं कि 37.8% (45.36 करोड़) लोग प्रवासी थे, जो रोजगार, शिक्षा, या विवाह जैसे कारणों से स्थानांतरित हुए।
Census of India 2011 in Hindi: हमारी जनगणना, हमारा भविष्य
2011 की जनगणना (Census of India 2011 in Hindi) का आदर्श वाक्य था—“हमारी जनगणना, हमारा भविष्य”। इसका शुभंकर एक प्रगणक शिक्षिका थी, जो शिक्षा और जागरूकता का प्रतीक थी। यह जनगणना न केवल आंकड़ों का संग्रह थी, बल्कि देश की नीतियों और विकास योजनाओं को दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम थी।
संदर्भ:
- भारत की जनगणना 2011, आधिकारिक वेबसाइट (censusindia.gov.in)
- सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना 2011, ग्रामीण विकास मंत्रालय
- द हिंदू, टाइम्स ऑफ इंडिया (2011-2015 के लेख)
Census of India 2011 in Hindi: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. भारत की जनगणना 2011 क्या थी?
जवाब: भारत की जनगणना 2011 देश की 15वीं राष्ट्रीय जनगणना थी, जो 1 मई 2010 को शुरू हुई। यह स्वतंत्र भारत की सातवीं जनगणना थी, जिसे महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त सी. चंद्रमौली के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस जनगणना में पहली बार बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र की गई। इसका आदर्श वाक्य था, “हमारी जनगणना, हमारा भविष्य।”
2. 2011 की जनगणना में भारत की कुल जनसंख्या कितनी थी?
जवाब: 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या 1,21,08,54,977 थी, जिसमें 62,32,70,258 पुरुष और 58,75,84,719 महिलाएं थीं। 2001 की तुलना में जनसंख्या में 18,14,55,986 की वृद्धि हुई।
3. जनगणना 2011 में साक्षरता दर कितनी थी?
जवाब: 2011 में भारत की साक्षरता दर 74.04% थी। पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% और महिलाओं की 65.46% थी। यह 2001 की 64.83% साक्षरता दर से काफी बेहतर थी।
4. 2011 की जनगणना में लिंगानुपात क्या था?
जवाब: 2011 की जनगणना में लिंगानुपात 943 महिलाएं प्रति 1,000 पुरुष था, जो 2001 के 933 से बेहतर था। इसके अलावा, पहली बार ट्रांसजेंडर जनसंख्या (4.9 लाख) की गणना की गई।
5. जनगणना 2011 में कौन-सी भाषाएं सबसे ज्यादा बोली गईं?
जवाब: हिंदी सबसे व्यापक भाषा थी, जिसे 43.63% लोगों ने अपनी मातृभाषा बताया। इसके बाद बंगाली (8.3%), मराठी (7.09%), तेलुगु (6.93%), और तमिल (5.89%) थीं। कुल 57.1% लोग हिंदी और 10.6% लोग अंग्रेजी बोलते थे।
6. धार्मिक जनसंख्या का बंटवारा कैसा था?
जवाब: 2011 की जनगणना के अनुसार, हिंदू 79.8% (96.8 करोड़), मुस्लिम 14.23% (17.2 करोड़), ईसाई 2.3%, सिख 1.72%, बौद्ध 0.7%, और जैन 0.37% थे। लगभग 0.27% लोगों ने कोई धर्म नहीं बताया।
7. जाति आधारित जनगणना (SECC) क्या थी?
जवाब: सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011, 1931 के बाद पहली जाति आधारित गणना थी, जो जून से सितंबर 2011 तक हुई। इसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का आकलन करना था। यह कई राजनीतिक दलों की मांग पर आयोजित की गई।
8. जनगणना कैसे आयोजित की गई थी?
जवाब: जनगणना दो चरणों में हुई: मकानसूचीकरण और परिवार गणना। 27 लाख अधिकारियों ने 7,000 शहरों और 6 लाख गांवों में डेटा एकत्र किया। मकानसूचीकरण में 35 प्रश्न और परिवार अनुसूची में 29 प्रश्न थे। इसकी कुल लागत 22 अरब रुपये थी।
9. ग्रामीण और शहरी जनसंख्या का अनुपात क्या था?
जवाब: 2011 की जनगणना के अनुसार, 68.84% (83.3 करोड़) लोग ग्रामीण क्षेत्रों में और 31.16% (37.7 करोड़) शहरी क्षेत्रों में रहते थे।
10. जनगणना 2011 की कुछ प्रमुख चुनौतियां क्या थीं?
जवाब: भारत की विशाल भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता, दुर्गम क्षेत्रों में पहुंच, और सटीक जानकारी एकत्र करना प्रमुख चुनौतियां थीं। इसके बावजूद, बायोमेट्रिक डेटा और जाति आधारित जानकारी को शामिल करना एक बड़ी उपलब्धि थी।
11. जनगणना 2011 का शुभंकर क्या था?
जवाब: जनगणना 2011 का शुभंकर एक प्रगणक शिक्षिका थी, जो शिक्षा और जागरूकता का प्रतीक थी।
12. जनगणना के आंकड़े कब जारी किए गए?
जवाब: अनंतिम आंकड़े 31 मार्च 2011 को जारी किए गए, जबकि पूरी रिपोर्ट 2012 में प्रकाशित होने की उम्मीद थी। भाषा संबंधी आंकड़े 26 जून 2018 को और द्विभाषी/त्रिभाषी डेटा सितंबर 2018 में जारी किया गया।
13. क्या 2011 की जनगणना में प्रवासियों की गणना की गई थी?
जवाब: हां, 45.36 करोड़ लोग (कुल जनसंख्या का 37.8%) प्रवासी थे, जो रोजगार, शिक्षा, या विवाह जैसे कारणों से स्थानांतरित हुए थे।
14. जनगणना का संचालन कौन करता है?
जवाब: जनगणना का संचालन केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत जनगणना संगठन करता है, जिसका नेतृत्व महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त करता है। 2011 में यह पद सी. चंद्रमौली के पास था।
15. जनगणना 2011 के आंकड़ों का उपयोग कैसे किया जाता है?
जवाब: इन आंकड़ों का उपयोग नीति निर्माण, सामाजिक-आर्थिक योजनाओं, और संसाधन आवंटन के लिए किया जाता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास योजनाओं को दिशा देने में सहायक है।